हनुमान चालीसा लिरिक्स हिंदी में [Full Hanuman Chalisa lyrics in hindi]

आर्टिस्ट : गुलशन कुमार

हनुमान चालीसा लिरिक्स हिंदी में [Full Hanuman Chalisa in hindi]

🪔🪔🪔

 श्री गुरु चरण सरूजा रज

निजा मनु मुकुरा सुधारी |

बरनौ राहुभरा बिमला यश:

जो दयाका फला चारी |

बुद्धि-हीन थानु जननिकाय:

सुमिरो पवन कुमारा |

बाला-बुद्धि विद्या देहू मोही

हरहु कलेश विकार ||

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जय हनुमान ज्ञान गुण सागर |

जय कपिस तिहुं लोक उजागर ||

राम दूत अतुलित बल धाम:

अंजानी-पुत्र पवन सुत नामा ||

महाबीर बिक्रम बजरंगी |

कुमाती निवार सुमति के संगी ||

कंचन वरण विराज सुबेसा|

कानन कुंडल कुंचित केशा ||

हाथ वज्र और धुवजे विराजे |

कांधे मूंज जनेहु सजई ||

शंकर सुवन केसरी नंदन |

तेज प्रताप महा जग वंदन ||

विद्यावान गुण अति चतुर |

राम काज करीब को आतुर ||

प्रभु चरित्र सुनीबे-को रसिया |

राम लखन सीता मन बसिया ||

सुषमा रूप धारी सियाही दिखवा |

बिकत रूप धारी लंक जारवा ||

भीम रूप धारी असुर संघरे

रामचंद्र के काज सांवरे |I

लाए संजीवन लखन जियाये |

श्री रघुवीर हरशी उर ले |

रघुपति किन्ही बहुत बदाई |

तुम मम प्रिये भारत-ही-सां भाई

सहस बदन तुम्हारा यश गावे |

आसा-कही श्रीपति कंठ लगावे ||

संकधिक ब्रह्मदि मुनीसा |

नारद-सरद साहित अहीसा ||

यम कुबेर दिग्पाल जहां ते |

कवि कोविद कहीं खातिर कहां ते ||

तुम उपकार सुग्रीवाहिन किन्हा |

राम मिलाये राजपद दीन्हा ||

तुम्हारा मन्त्र विभीषण मनः

लंकेश्वर भये सुब जग जाना |

युग सहस्त्र जोजन पर भानु |

लील्यो ताही मधुर फाल जानू |I

प्रभु मुद्रिका मेली मुख माही |

जलाधी लंगी गए अचराज नहीं ||

दुर्गम काज जगथ के जेटे |

सुगम अनुग्रह तुम्हारे तेते |l

राम द्वारे तुम रखवारे |

होत न अगया बीनू पैसेरे ||

सुब सुख लहे तुम्हारी सर नां

तुम रक्षक कहू को डर ना |

आपन तेज समरो आपे |

तीनो लोक हां ते कानपाई |l

भूत पिसाच निकत नहीं आवै

महावीर जब नाम सुनावे |I

नसे रोग हरे सब पीरा |

जपत निरंतर हनुमंत बीरा |

संकट से हनुमान चुड़ावे |

मन करम वचन ध्यान जो लावई ||

सब पर राम तपस्वी राजा |

तीन के काज सकल तुम साजा ||

और मनोरथ जो कोई लवई |

सोही अमित जीवन फल पवई ||

चारों युग प्रताप तुम्हारा |

है पर सिद्ध जगत उजियारा |

साधु संत के तुम रखवारे |

असुर निकंदन राम दुल्हारे |

अष्ट-सिद्धि नव निधि के धाता |

अस-वर दीन जानकी माता ||

राम रसायन तुम्हारे पसा |

सदा रहो रघुपति की दशा |

तुम्हारे भजन राम को पवई |

जन्म-जन्म के दुख बिसरवाई |

अंत-काल रघुवीर पुर जाये|

जहां जनम हरि-बख्त कहानी |

और देवता चित न धरेही |

हनुमंत से ही सर्वे सुख करेही |I

संकट कटे-माइट सब पीरा |

जो सुमिराई हनुमत बलबीरा ||

जय जय जय हनुमान गोसाहिन |

कृपा करहु गुरुदेव की नहीं |I

जो सत बार पथ करे कोही |

छुटी बंधी महा सुख होही ||

जो या पढे हनुमान चालीसा |

होए सिद्धि सखी गौरीसा ||

तुलसीदास सदा हरि चेरा |

कीजई नाथ हृदय में डेरा ||

कीजई नाथ हृदय में डेरा।।।


पवन तनय संकट हरणा

मंगला मुराती रूप |

राम लखना सीता सहिता

हृदय बसहु सूर भूप ||

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